अस्थमा प्राणायाम – कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप से दमा में राहत

कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप में सीखें अस्थमा प्राणायाम – वैदिक ज्योतिष और श्वास से दमा का समाधान, भस्त्रिका और चंद्र दोष उपचार।
पितृ प्राणायाम – श्वास आधारित पितृ दोष निवारण

पितृ प्राणायाम एक आध्यात्मिक श्वास विधि है जो बिना किसी कर्मकांड के भस्त्रिका और श्वास मंत्र द्वारा पितृ दोष व पितृ ऋण को शांत करती है – कृष्णा गुरुजी की विशेष साधना।
तनाव मुक्ति प्राणायाम – कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप से मानसिक शांति की ओर

कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप से जानिए तनाव और अवसाद से राहत के लिए सात चरणों वाला प्राणायाम – श्वासों की साधना से पाएँ मानसिक शांति।
प्राणायाम से ग्रहों का उपचार – कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप

प्राणायाम से ग्रहों का उपचार, कृष्णा गुरुजी की डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग पद्धति है, जिसमें पंचतत्व और श्वास के माध्यम से ग्रहों को संतुलित करने की वैज्ञानिक विधि बताई गई है।
पितृ प्राणायाम – पितृ दोष मुक्ति का उपाय

कृष्णा गुरुजी, दिव्य आत्मचिकित्सा और प्राचीन भारतीय श्वास विधियों के विशेषज्ञ हैं। यह लेख पितृ दोष के आध्यात्मिक समाधान ‘पितृ प्राणायाम’ की व्याख्या करता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम – सांसों में संतुलन, जीवन में समाधान

अनुलोम विलोम प्राणायाम – श्वास संतुलन से जीवन समाधान | Krishna Guruji
कपाल भाति प्राणायाम – उम्र के बराबर श्वासों से जीवन का शुद्धिकरण

कपाल भाति प्राणायाम से करें शरीर और मन का गहरा शुद्धिकरण। जानिए कृष्णा गुरुजी की विशेष विधि – उम्र के बराबर श्वासों के साथ साधना।
“राहु-केतु राशि परिवर्तन पर शनि मंदिर में ऐतिहासिक ध्वजारोहण”
18 वर्षों बाद हुए राहु-केतु के राशि परिवर्तन पर कृष्णा गुरुजी ने उज्जैन के शनि नवग्रह मंदिर में शिखर ध्वजारोहण का आयोजन किया। दैनिक भास्कर में प्रकाशित इस आयोजन में हर ग्रह के अनुसार अलग ध्वजा फहराई गई, ऊर्जा संतुलन का अनूठा संदेश दिया गया।
“बुद्ध पूर्णिमा 2025: कृष्णा गुरुजी की दृष्टि से बुद्ध की शिक्षाओं का कलयुगी विश्लेषण

बुद्ध पूर्णिमा 2025 पर कृष्णा गुरुजी कलयुग के संदर्भ में बुद्ध की शिक्षाओं का तार्किक और आध्यात्मिक विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं।
कलयुग पुराण अध्याय : विषम परिस्थिति में संतुष्ट कैसे रहें

विषम परिस्थितियों में संतोष और धैर्य कैसे बनाए रखें? कृष्णा गुरुजी ने एक प्रेरक कथा के माध्यम से बताया — कर्म करते रहो, फल की चिंता छोड़ दो।