प्राणायाम से ग्रहों का उपचार – कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप
प्राणायाम से ग्रहों का उपचार और पंचतत्व से ग्रह संतुलन की यह विधि, कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप का हिस्सा है। इसमें बताया गया है कि कैसे डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग के माध्यम से पंचतत्वों के संतुलन द्वारा ग्रहों के प्रभाव को श्वास और चक्र के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
🌟 डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग – श्वास के द्वारा आत्म-चिकित्सा
🌬 श्वास आधारित ग्रह उपचार के लाभ
लेखक: कृष्णा गुरुजी | अपडेट: मई 2025
यह ब्लॉग ब्रीदिंग वर्कशॉप श्रृंखला का हिस्सा है, जो डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग पर आधारित है।
प्राणायाम से ग्रहों का उपचार – पंचतत्व संतुलन द्वारा
ग्रहों का प्रभाव पंचतत्वों से जुड़ा होता है। जब पंचतत्व असंतुलित होते हैं तो ग्रहों का नकारात्मक असर जीवन पर पड़ता है। इस ब्लॉग में कृष्णा गुरुजी द्वारा बताया गया है कि कैसे ग्रह प्राणायाम और श्वास साधना के माध्यम से पंचतत्वीय संतुलन संभव है।
🌀 कैसे करें ग्रह प्राणायाम?
- हर दिन 3 चक्र करें (सूर्य से शनि तक 7 चरण)
- श्वास के साथ संबंधित ग्रह को ध्यान में लाएँ
- पंचतत्वों पर ध्यान केंद्रित करें (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश)
- श्वास और चक्रों का तालमेल बनाएँ
🌈 लाभ – आत्म-चिकित्सा शक्ति
- भावनात्मक संतुलन और क्रोध में कमी
- अवचेतन तनाव और ग्रह दोष में सुधार
- पारिवारिक संबंधों में संतुलन
- नियमित अभ्यास से जीवन में स्थिरता और आत्मबल
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प्राणायाम से ग्रहों का उपचार कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है, यह श्वास और चेतना के गहन संयोजन से किया जाता है।
कृष्णा गुरुजी बताते हैं कि जब कोई नियमित रूप से प्राणायाम से ग्रहों का उपचार करता है, तो उसका आत्मबल और ग्रहों से जुड़ा मानसिक दबाव नियंत्रित हो सकता है।
यह अभ्यास केवल शरीर के लिए नहीं, आत्मा की गहराई तक पहुंचने का माध्यम है। कृष्णा गुरुजी के अनुसार, श्वास को साधने से ग्रह भी साधे जा सकते हैं। यह ब्रीदिंग वर्कशॉप उसी दिशा में पहला कदम है।
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