पितृ प्राणायाम – श्वास आधारित पितृ दोष निवारण

कृष्णा गुरुजी द्वारा पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ प्राणायाम का श्वास आधारित समाधान – भस्त्रिका और श्वास मंत्र के साथ
पितृ प्राणायाम एक आध्यात्मिक श्वास विधि है जो बिना किसी कर्मकांड के भस्त्रिका और श्वास मंत्र द्वारा पितृ दोष व पितृ ऋण को शांत करती है – कृष्णा गुरुजी की विशेष साधना।

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पितृ प्राणायाम – श्वास आधारित पितृ दोष निवारण

कृष्णा गुरुजी की ब्रीदिंग वर्कशॉप एक अद्भुत आध्यात्मिक विधि प्रस्तुत करती है – पितृ प्राणायाम, जो भस्त्रिका आधारित श्वास साधना और श्वास मंत्र के माध्यम से पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने की शक्ति देती है। यह विधि वैदिक ज्योतिष और प्राचीन श्वास विज्ञान पर आधारित है, जो पितृ लोक से जुड़ने के लिए जागरूक श्वास की ऊर्जा का उपयोग करती है।

🌟 दिव्य अंतर्दृष्टि – पितृ प्राणायाम क्यों अनोखा है?

पितृ प्राणायाम केवल एक श्वसन अभ्यास नहीं है, यह पूर्वजों से संवाद करने का एक पवित्र माध्यम है। श्वास मंत्र के द्वारा हर श्वास पितृ लोक तक एक प्रेम और कृतज्ञता का संदेश बन जाती है। यह विधि बिना किसी कर्मकांड के – केवल जागरूक श्वास के माध्यम से पितृ असंतुलन को साधने पर केंद्रित है।

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🌬️ पितृ प्राणायाम क्या है?

पितृ प्राणायाम एक 12-चरणीय श्वास अनुष्ठान है जो विशेष रूप से आपकी कुंडली के 4, 7, 9 और 12वें भाव की ऊर्जा को संतुलित करता है। इसमें हर श्वास के साथ एक मौन श्वास मंत्र का स्मरण और कृतज्ञता की भावना जोड़ी जाती है – जिससे पितृ ऋण का समाधान भीतर से होता है, बाहरी कर्मकांडों के बिना।

🧘‍♂️ भस्त्रिका आधारित पितृ प्राणायाम करने की चरणबद्ध विधि

  1. सुखासन में सीधे रीढ़ के साथ बैठें।
  2. आँखें बंद करें और अपने जन्म विवरण को स्मरण करें – तारीख, समय, स्थान और नक्षत्र।
  3. दाहिने हाथ की अंगुली से दायां नथुना धीरे से बंद करें।
  4. बाएं हाथ को छाती के पास रखें, कोहनी मोड़ें और हथेली को कंधे से ऊपर नमस्कार मुद्रा में उठाएं।
  5. बाएं नथुने से गहरी श्वास लें और बायां फेफड़ा फैलाएं, हाथ को ऊपर उठाएं और माता के चेहरे को स्मरण करें। इसे 11 बार दोहराएं।
  6. अब दायें नथुने से श्वास लें और पिता के चेहरे को स्मरण करें। इसे भी 11 बार दोहराएं।
  7. थोड़ा विश्राम करें और माता-पिता के साथ बिताए भावनात्मक क्षणों को स्मरण करें।
  8. चरण 5 दोहराएं, इस बार पैतृक दादी को स्मरण करते हुए।
  9. चरण 6 दोहराएं, पैतृक दादा को स्मरण करते हुए।
  10. इन दोनों के साथ बिताए पलों को अनुभव करें।
  11. अब चरण 5 दोहराएं, ननिहाल की दादी (नानी) को स्मरण करते हुए।
  12. चरण 6 दोहराएं, ननिहाल के दादा (नानाजी) को स्मरण करते हुए।

🔯 आध्यात्मिक प्रभाव:

  • हर श्वास एक श्वास मंत्र बन जाती है – जो पितृ लोक तक मौन प्रार्थनाएं पहुंचाती है।
  • यह 12 चरणीय अभ्यास आपकी कुंडली के 12 राशियों और 4 महत्वपूर्ण भावों को संतुलित करता है।
  • आपका पितृ ऋण भीतर से समाप्त होने लगता है – बिना बाहरी विधि के।

🎥 इस पितृ दोष निवारण विधि का वीडियो डेमो यहाँ देखें:

🎬 कृष्णा गुरुजी द्वारा निर्देशित इस वीडियो में पितृ प्राणायाम की सम्पूर्ण प्रक्रिया को चरणबद्ध रूप से बताया गया है।

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कृष्णा गुरुजी के साथ प्रतिदिन रात 8:30 बजे फ्री हीलिंग सेशन में जुड़ें
Zoom ID: 9826070286 | पासकोड: 08MvG1

वेबसाइट देखें: www.krishnaguruji.com

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