Shrawan 2025 – अपने शिव तत्व से जुड़ने का अवसर | Krishna Guruji

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Shrawan 2025 – अपने शिव तत्व से जुड़ें | Krishna Guruji

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Shrawan 2025 सिर्फ आपको आपके शिव तत्व से जोड़ने आता है। अगर आप श्वास ले रहे हैं, तो आप शिव हैं, और अगर श्वास नहीं है, तो आप शव। यही श्रावण का वास्तविक संदेश है – अपने भीतर के शिव को पहचानिए।

मेरे मन में हमेशा यह सवाल उठते रहते थे:

  • क्यों उपवास करते हैं?
  • क्यों शिवलिंग पर दूध अर्पित करते हैं?
  • क्यों जल चढ़ाते हैं?
  • रुद्राभिषेक का क्या महत्व है?

आध्यात्मिक संतों ने इन सवालों को अलग-अलग दृष्टिकोणों से समझाया है। लेकिन विज्ञान, अध्यात्म और व्यवहारिक जीवन के दृष्टिकोण से जो मैंने जाना, वह आज आपके साथ साझा कर रहा हूं। इस लेख को पढ़कर आप भी शिव तत्व को समझिए और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर दीजिए।

श्रावण माह का महत्व

श्रावण माह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का समय है। जन्म से लेकर आज तक हमने हवा, हरियाली, जल जैसे संसाधनों का निःशुल्क उपयोग किया है। यह महीना हमें याद दिलाता है कि हमें प्रकृति के इन उपहारों का आभार प्रकट करना चाहिए।

वैज्ञानिक कारण जानिए

वर्षा ऋतु की शुरुआत आषाढ़ मास से होती है। इस माह में उगने वाली पत्तेदार सब्जियां, प्रथम वर्षा के जल से दूषित हो जाती हैं। हमारे ऋषियों ने इस तथ्य को पहले ही जान लिया था। इसलिए पत्तेदार सब्जियों के सेवन को विशेषतः श्रावण मास में वर्जित किया गया।

कलियुग में नाम-स्मरण ही प्रधान माना गया। Kaliyug Puran में भी उल्लेख मिलता है कि श्रावण माह में व्रत और साधना से आत्मशुद्धि होती है। खेती अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में होती थी, इसलिए कुछ लोग श्रावण को अमावस्या से मानते हैं।

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का रहस्य

प्रथम वर्षा ऋतु में दूषित पत्तेदार सब्जियों के कारण गाय-भैंस का दूध भी दूषित हो जाता था। इसी कारण ऋषियों ने शिव – जो विषपान करने वाले हैं – पर विशेष रूप से इस महीने में दूध चढ़ाने का विधान बताया। यह प्राकृतिक चक्र को संतुलित रखने की वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है।

पंचामृत का महत्व

पंचामृत के पाँच घटक हैं:

  • दूध
  • दही
  • घी
  • शहद
  • शक्कर

ये क्रमशः जल, वायु, अग्नि, आकाश और पृथ्वी तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पंचामृत अर्पित कर हम इन पंचतत्वों और ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

शरीर में:

  • नाभि पर ब्रह्मा,
  • छाती के मध्य भाग पर विष्णु,
  • और मस्तक के मध्य भाग पर शिवजी का प्रतिनिधित्व माना गया है।

रुद्राभिषेक (Shiva Rudra Abhishek) इसी पंचामृत और पवित्र जल से किया जाता है, जिससे मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है। आप भी Shrawan 2025 में अपने घर पर शिव रुद्राभिषेक करके दिव्य ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण

“मुझ को कहाँ ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास।” – इसी भावना के साथ इस महीने को प्रकृति के प्रति आभार और आत्मचिंतन का महीना मानिए। यह अपने भीतर के शिव तत्व को पहचानने और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का उत्तम समय है।

अगर आप जानना चाहते हैं
Rudrabhishek Benefits, यहाँ पढ़ें।

और अधिक जानने के लिए यह वीडियो देखें:

Shrawan 2025 और शिव तत्व का रहस्य – कृष्णा गुरुजी

Shrawan 2025 में अपने शिव तत्व को पहचानिए और मेरे YouTube चैनल पर इससे जुड़े और भी वीडियो देखें!

लेखक: कृष्णकांत मिश्रा कृष्णा ग

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