जहां एक ओर रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक बनकर मनाया जाता है, वहीं अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु कृष्णा गुरुजी इस पर्व को मानवता और सेवा से जोड़ने की एक अनूठी परंपरा निभा रहे हैं।
🗓️ 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के अवसर पर, कृष्णा गुरुजी भोपाल स्थित कुष्ठ आश्रम और बिमा अस्पताल का दौरा करेंगे। इस दौरान वे समाज द्वारा उपेक्षित कुष्ठ रोगी महिलाओं से राखी बंधवाएंगे। यह पहल एक सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश के साथ की जा रही है।
“हम अक्सर रक्षा का वचन देते हैं, पर कभी समाज की उपेक्षित बहनों से रक्षा का आशीर्वाद लेने की भावना क्यों नहीं लाते?”
— कृष्णा गुरुजी
🕊 कलियुग में त्योहारों का नया रूप
>>>>>हर व्यक्ति स्वतंत्र होकर अपने ढंग से पर्व मना रहा है, लेकिन कहीं न कहीं संवेदना और सामाजिक जुड़ाव की भावना कम होती जा रही है।
“त्योहार केवल निजी खुशी के लिए नहीं, समाज से जुड़ने और उसे जोड़ने का माध्यम भी होना चाहिए।”
📿 सेवा और जुड़ाव की सतत परंपरा
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विगत 9 वर्षों से गणेश चतुर्थी पर कुष्ठ आश्रम में गणेश स्थापना कर रहे हैं।
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योग दिवस 2025 भोपाल में कुष्ठ रोगियों के साथ मनाया गया।
🌍 समाज से भावनात्मक अपील
कृष्णा गुरुजी ने समाज से आग्रह किया है कि –
“हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में उपेक्षित, असहाय या रोगग्रस्त वर्ग के साथ जुड़कर त्योहार मनाने की परंपरा शुरू करे।
यदि एक भी बहन को यह महसूस हो जाए कि वह तिरस्कृत नहीं है, तो यही सच्चे रक्षाबंधन की जीत होगी।”
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🧾 लेखक परिचय
कृष्णा गुरुजी एक अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक हीलर, योग प्रचारक और “Divine Astro Healing” के संस्थापक हैं। वे पर्वों को सामाजिक और आध्यात्मिक पुनर्परिभाषा देने हेतु प्रसिद्ध हैं।
👉 वेबसाइट: www.krishnaguruji.com
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प्रेस कार्यालय – कृष्णा गुरुजी
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