राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु – पत्थर से संगीत का कमाल और राहु का ज्योतिषीय असर
इंदौर।राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की कहानी आज हर जगह चर्चा में है। अचानक एक पुराने गीत ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी। दरअसल, सूरत के राजू भाट, जो अब राजू कलाकार के नाम से मशहूर हैं, ज़ीरो से हीरो बन गए। इसी वजह से, अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु कृष्णा गुरुजी ने इसे अपनी डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग की ज्योतिषीय दृष्टि से समझाया।
अमावस्या की रात और राजू कलाकार का पत्थर संगीत
राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की यह कहानी 24 जून 2025 की रात शुरू हुई। उस दिन अमावस्या थी। यानी चाँद आकाश में नजर नहीं आता।
हालांकि, उसी रात राजू ने एक अनोखी परफॉर्मेंस दी। उन्होंने काले कपड़े पहने। उन पर सफेद स्पॉट थे। साथ ही, उन्होंने लाल टी-शर्ट भी पहनी। उन्होंने दो सफेद पत्थरों से ताल बजाई।
जिस गाने पर उन्होंने परफॉर्म किया, वह था “Dil Pe Chalai Churiya,” जिसे सोनू निगम ने 1995 में गाया था।
पहले यह गाना उतना मशहूर नहीं था। लेकिन, आज राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की वजह से यह इंटरनेट पर छा गया।
राहु ग्रह और संगीत के ज्योतिषीय पहलुओं को जानने के लिए यहां पढ़ें।
राहु ग्रह और वायरल कंटेंट का जादू
दरअसल, राहु ग्रह तकनीक और वायरल कंटेंट पर राज करता है। इस बारे में कृष्णा गुरुजी कहते हैं:
“राहु तकनीक, इंटरनेट और वायरल कंटेंट का स्वामी है। यह किसी को भी रातों-रात मशहूर कर सकता है। राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की यह कहानी उसी शक्ति का उदाहरण है।”
राहु ग्रह का असर कुछ इस प्रकार होता है:
पुरानी चीजों को नए अंदाज़ में वापस लाना।
अचानक प्रसिद्धि दिलाना।
सोशल मीडिया पर कंटेंट को वायरल करना।
इसी वजह से, राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु के साथ भी यही हुआ। तीन दशक पुराना गाना फिर से लोगों की जुबान पर चढ़ गया।
अमावस्या से पूर्णिमा तक बढ़ता चाँद, बढ़ती शोहरत
यह वीडियो एक ही रात में हिट नहीं हुआ। बल्कि, यह भी चाँद की यात्रा जैसा था।
24 जून (अमावस्या) को वीडियो अपलोड हुआ। धीरे-धीरे व्यूज़ और लाइक्स बढ़ते गए।
फिर, 11 जुलाई (पूर्णिमा) को सोनू निगम की टीम ने राजू से संपर्क किया। इसके बाद, 13 जुलाई को सोनू निगम और राजू ने साथ वीडियो शूट किया।
कृष्णा गुरुजी कहते हैं:
“यह सिर्फ एक वायरल वीडियो नहीं है। यह अमावस्या से पूर्णिमा तक की यात्रा है। जैसे चाँद अंधेरे से उजाले तक पहुँचता है, वैसे ही राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की कहानी भी है।”
राजू कलाकार, तुला राशि और राहु का संयोग
राजू कलाकार का असली नाम राजू भाट है। उनकी तुला राशि भी खास मायने रखती है। दरअसल, कृष्णा गुरुजी बताते हैं:
“तुला का स्वामी शुक्र होता है, जो कला और संगीत का ग्रह है। राहु और शुक्र का संयोग इंसान को कला और शोहरत में ऊँचाइयों तक ले जा सकता है।”
इसीलिए, राजू के दोस्त राजन काली भी तुला राशि के ही हैं। दोनों की कला और दोस्ती ने इस वीडियो को और खास बना दिया।
सच कहें तो, राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की यह कहानी उसी संयोग का सुंदर उदाहरण है।
सोनू निगम भी हुए फैन
वीडियो वायरल होते ही सोनू निगम ने राजू से संपर्क किया। सोनू ने कहा:
“राजू ने पत्थरों में भी संगीत की आत्मा ढूंढ निकाली।”
13 जुलाई 2025 को दोनों ने साथ यह गाना शूट किया। इसके बाद, राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की कहानी और मशहूर हो गई।
ज्योतिष की दृष्टि से राजू कलाकार का पत्थर संगीत
दरअसल, ज्योतिष कहता है कि शरीर का हर अंग कुंडली के किसी न किसी भाव का प्रतिनिधित्व करता है। कृष्णा गुरुजी बताते हैं:
“राजू कलाकार ने अपने हाथों (तीसरा भाव) से काम किया। तीसरा भाव कला, हुनर और सोशल मीडिया से जुड़ा होता है। साथ ही, उन्होंने अपनी जंघा (नवम भाव) का भी उपयोग किया। नवम भाव भाग्य और बड़े अवसरों का घर है। यानी, यहाँ मेहनत (तीसरा भाव) और भाग्य (नवम भाव) का संयोग हुआ। तभी पत्थर भी संगीत बोल पड़े। और गाना इंटरनेट पर ट्रेंड करने लगा।”
इसीलिए, राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की यह कहानी सिर्फ एक परफॉर्मेंस नहीं, बल्कि ज्योतिष का अद्भुत उदाहरण भी है।
निष्कर्ष
राजू कलाकार पत्थर संगीत राहु की कहानी हुनर की ही नहीं है। बल्कि, यह दिखाती है कि राहु ग्रह और चंद्रमा का चक्र कैसे इंटरनेट पर छुपी प्रतिभाओं को दुनिया के सामने ला सकता है।
कृष्णा गुरुजी कहते हैं:
“कलियुग में राहु इंटरनेट पर बैठा है। वह अमावस्या से पूर्णिमा तक किसी को गुमनामी से उठाकर सितारा बना सकता है।”
कहा जाता है — “पत्थर से पानी निकाल दे अगर भाग्य और मेहनत साथ दे।” राजू कलाकार उर्फ राजू भाट ने इसे सच कर दिखाया। उन्होंने पत्थरों से संगीत निकालकर सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया।
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