🌼 कलियुग पुराण से संदेश — दिवाली की सफाई केवल घर की नहीं, मन की भी होनी चाहिए
लेखक: कृष्णा गुरुजी •
Focus Keyphrase: दिवाली की सफाई • Related: दिवाली 2025, दीपावली सफाई टिप्स, वास्तु ऊर्जा, दिवाली की तैयारी, शुभ दीपावली

🕯️ कलियुग का संदेश
दिवाली का अर्थ केवल दीये जलाना नहीं, बल्कि अपने भीतर के अंधकार को पहचानना और हटाना भी है। दिवाली की सफाई में जहां घर चमकता है, वहीं मन के कोनों की धूल झाड़ना भी उतना ही जरूरी है।
मुख्य सूत्र: “जब हम अपने घर से धूल हटाते हैं, तो हमें अपने मन की धूल भी झाड़नी चाहिए।”
🧹 1) पुराने जूते-चप्पल बाहर करें, पुराने विचार भी
जो फुटवियर वर्षों से नहीं पहने, उन्हें अब बाहर करें। उसी तरह जो विचार आगे बढ़ने नहीं देते, उन्हें भी त्याग दें।
💊 2) एक्सपायर दवाइयों के साथ ‘एक्सपायर सोच’ भी हटाएँ
दवाई के बॉक्स की जाँच करें, एक्सपायर दवाइयाँ और पुराना डिब्बा बदलें। मन से पुराने दुख-पछतावे भी निकालें।
⌚ 3) पुराने मोबाइल-घड़ियाँ नहीं, पुराने रिश्ते सुधारें
जैसे डिवाइस ‘रीचार्ज’ होते हैं, वैसे ही रिश्तों को भी संभालें। अगर संभव हो तो सुधारें, नहीं तो क्षमा का दान दें।
👕 4) कपड़े दान करें, अहंकार नहीं
कपड़े दान करना सहज है; कठिन है दृष्टिकोण बदलना। कलियुग पुराण कहता है—“दान वस्त्रों का नहीं, दृष्टिकोण का करो।”
🛕 5) पूजा घर में अनुशासन रखें
- मंदिर में वही मूर्तियाँ रखें जिनकी नियमित पूजा करते हैं।
- एक से अधिक मूर्तियों/फोटो को ठंडे जल से स्नान कराकर बहते जल में विसर्जित करें।
- अधिकता—चाहे भक्ति की हो या वस्तु की—ऊर्जा को विभाजित करती है।
🧭 6) पूर्वजों की फोटो—मंदिर में नहीं, उत्तर दिशा में
पूर्वज स्मरण के प्रतीक हैं, भगवान उपासना के—दोनों के स्थान अलग रखें।
🍛 7) बाहर की मिठाई कम, घर की श्रद्धा ज़्यादा
थोड़ी मिठाई-नमकीन घर पर बनाइए—माँ अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं, और सकारात्मक कंपन बढ़ता है।
🧠 8) सफाई वस्तु की नहीं, ऊर्जा की
“जिस वस्तु से मोह है, वही तुम्हारे घर का जाम है।”
सफाई का अर्थ झाड़ू से आगे है—विचार, संबंध और व्यवहार की शुद्धि भी आवश्यक है।
🌸 अंतिम संदेश—शुभ दीपावली
दिवाली केवल दीवारों पर नहीं, आत्मा के अंधकार पर भी दीये जलाए। अपने आस-पास सफाई, दान और सकारात्मकता का संदेश दें।
शुभ दीपावली!
— कृष्णा गुरुजी (कलियुग पुराण)
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